शनिवार, 31 जनवरी 2015
पुत्र प्राप्ति के उपाय
जो महिला पुत्र पाने की इच्छा रखती हो वह गर्भ के पाहिले महीने से शतावर के चूर्ण को दूध के साथ पिए । नागकेसर के चूर्ण को घी के साथ पकाकर खाया जाये तो पुत्रकारक होता है । पलाश के बीज को भी पीसकर पीने से पुत्र की प्राप्ति होती है । गर्भ के समय प्रथम महीने से बछड़े वाली गाय के दूध में शिवलिंगी के बीज एक माह तक खाने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है । मंत्राभिमन्त्रित शिवलिंगी के बीज पाने के लिए आप मुझसे संपर्क कर सकते है
शनिवार, 24 जनवरी 2015
मंत्र चमत्कार
१). इस मंत्र के स्मरण मात्र से डर भाग जाता है, और अकस्मात् आयी
बाधाओ का निवारण होता है. जब भी किसी प्रकार के कोई पशुजन्य या
दूसरे तरह से प्राणहानि आशंका हो तब इस मंत्र का ७ बार जाप करना
चाहिए. इस प्रयोग के लिए मात्र मंत्र याद होना ज़रुरी है. मंत्र कंठस्थ
करने के बाद केवल ७ बार शुद्ध जाप करें व चमत्कार देंखे!
(२). अगर इस मंत्र का एक हज़ार बार बिना रुके लगातार जाप कर लिया
जाए तो व्यक्ति की स्मरण शक्ति विश्व के उच्चतम स्तर तक हो जाती
है तथा वह व्यक्ति परम मेधावी बन जाता है!
(३). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार १०,००० बार जप कर लिया
जाए तो उसे त्रिकाल दृष्टि (भूत, वर्त्तमान, भविष्य का ज्ञान) की प्राप्ति
हो जाती है!
(४). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार एक लाख बार, रुद्राक्ष की
माला के साथ, लाल वस्त्र धारण करके तथा लाल आसान पर बैठकर,
उत्तर दिशा की और मुख करके शुद्ध जाप कर लिया जाये, तो उस
व्यक्ति को "खेचरत्व" एवं "भूचरत्व" की प्राप्ति हो जायेगी!
मंत्र इस प्रकार है -
ॐ हं ठ ठ ठ सैं चां ठं ठ ठ ठ ह्र: ह्रौं ह्रौं ह्रैं क्षैं क्षों क्षैं क्षं ह्रौं ह्रौं क्षैं ह्रीं स्मां
ध्मां स्त्रीं सर्वेश्वरी हुं फट् स्वाहा
(Om Ham th th th seim chaam tham th th th hrah hraum
hraum hreim ksheim kshom ksheim ksham hraum hraum
ksheim hreeng smaam dhmaam streem sarveshwari hum
phat swaahaa)
बाधाओ का निवारण होता है. जब भी किसी प्रकार के कोई पशुजन्य या
दूसरे तरह से प्राणहानि आशंका हो तब इस मंत्र का ७ बार जाप करना
चाहिए. इस प्रयोग के लिए मात्र मंत्र याद होना ज़रुरी है. मंत्र कंठस्थ
करने के बाद केवल ७ बार शुद्ध जाप करें व चमत्कार देंखे!
(२). अगर इस मंत्र का एक हज़ार बार बिना रुके लगातार जाप कर लिया
जाए तो व्यक्ति की स्मरण शक्ति विश्व के उच्चतम स्तर तक हो जाती
है तथा वह व्यक्ति परम मेधावी बन जाता है!
(३). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार १०,००० बार जप कर लिया
जाए तो उसे त्रिकाल दृष्टि (भूत, वर्त्तमान, भविष्य का ज्ञान) की प्राप्ति
हो जाती है!
(४). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार एक लाख बार, रुद्राक्ष की
माला के साथ, लाल वस्त्र धारण करके तथा लाल आसान पर बैठकर,
उत्तर दिशा की और मुख करके शुद्ध जाप कर लिया जाये, तो उस
व्यक्ति को "खेचरत्व" एवं "भूचरत्व" की प्राप्ति हो जायेगी!
मंत्र इस प्रकार है -
ॐ हं ठ ठ ठ सैं चां ठं ठ ठ ठ ह्र: ह्रौं ह्रौं ह्रैं क्षैं क्षों क्षैं क्षं ह्रौं ह्रौं क्षैं ह्रीं स्मां
ध्मां स्त्रीं सर्वेश्वरी हुं फट् स्वाहा
(Om Ham th th th seim chaam tham th th th hrah hraum
hraum hreim ksheim kshom ksheim ksham hraum hraum
ksheim hreeng smaam dhmaam streem sarveshwari hum
phat swaahaa)
गोर्की माया
गोर्की माया:-----
बांधूं इंद्र को, बांधूं तार।
बांधूं बांधूं लोहे का आरा।
उठे इंद्र न बोले बाबा।
सुख साख धूनी हो जाय।
तन ऊपर फेंकी , कड़े होय सूत।
में तो बंधन बांध्यो, सांस सुसुर जाया पूत।
मन बांधूं, मंत्र बांधूं विद्या के साथ।
चार खूंट फिर आये फलानि फलाने के साथ।
Note: स्त्री को मोहित करना है तो फलानि फलाने के साथ नहीं तो पुरुष
के लिए फलाना फलानि के साथ |
विधि : यदि कामिनी को मोहित करना हो तो शनिवार को उसके बांये पैर
के नीचे कि मिटटी और पुरुष को आकर्षित करना हो तो दायें पैर के नीचे
कि मिटटी ले आओ। उस मिटटी से एक मिलती जुलती प्रतिमा बना लो।
अब आधी रात को नगन अवस्था एवं स्थूल सरीर होकर ऊपर दिया गए
मंत्र से पूजन और धुप दीप करो। एक घंटे तक मंत्र जप करके फिर एक
कच्चे सूत से मंत्र जप करते हुए उस पुतली को बांध दें, और उसको छुपा
कर रख दें। और अब चमत्कार देखें।
बुधवार, 21 जनवरी 2015
मोबाइल से जुडी कई ज्ञान वर्धक जानकारी
मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती
लेकिन मुसीबत के वक्त यह मददगार साबित होती है ।
.
इमरजेंसी नंबर ---
दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर 112 है ।
अगर आप मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं तो 112 नंबर द्वारा
आप उस क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें। ख़ास बात यह है कि यह नंबर
तब भी काम करता है जब आपका की पैड लॉक हो।
दोस्तों अभी बहुत कुछ बाकी है---
मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस दौरान जरूरी कॉल करनी हो, ऐसे
में आप *3370# डायल करें । आपका मोबाइल फिर से चालू हो जायेगा
और आपका सेलफोन बैटरी में 50 प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा।
मोबाइल का यह रिजर्व दोबारा चार्ज हो जायेगा जब आप अगली बार
मोबाइल को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे।
.
मोबाइल चोरी होने पर---
मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले जरूरत होती है, फोन
को निष्क्रिय करने की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर सके । अपने
फोन के सीरियल नंबर (IMEI) को चेक करने के लिए *#06# दबाएँ ।
इसे दबाते ही आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट का कोड नंबर आयेगा। इसे
नोट कर लें और किसी सुरक्षित स्थान पर रखें। जब आपका फोन खो
जाए उस दौरान अपने सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे तो वह आपके
हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा।
#Mobile
कार की चाभी खोने पर ---
अगर आपकी कार की रिमोट की लेस इंट्री है। और गलती से आपकी
चाभी कार में बंद रह गयी है। और दूसरी चाभी घर पर है। तो आपका
मोबाइल काम आ सकता है। घर में किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन पर
कॉल करें। घर में बैठे व्यक्ति से कहें कि वह अपने मोबाइल को होल्ड
रखकर कार की चाभी के पास ले जाएँ और चाभी के अनलॉक बटन को
दबाये। साथ ही आप अपने मोबाइल फोन को कार के दरवाजे के पास
रखें....। दरवाजा खुल जायेगा।
है न विचित्र किन्तु सत्य......!!!
अधिक से अधिक शेयर करें।
एंड्राइड मोबाइल यूजर के काम के कोड
1. Phone Information, Usage and Battery – *#*#4636#*#*
2. IMEI Number – *#06#
3. Enter Service Menu On Newer Phones – *#0*#
4. Detailed Camera Information –*#*#34971539#*#*
5. Backup All Media Files –*#*#273282*255*663282*#*#*
6. Wireless LAN Test –*#*#232339#*#*
7. Enable Test Mode for Service –*#*#197328640#*#*
8. Back-light Test – *#*#0842#*#*
9. Test the Touchscreen –*#*#2664#*#*
10. Vibration Test –*#*#0842#*#*
11. FTA Software Version –*#*#1111#*#*
12. Complete Software and Hardware Info –*#12580*369#
13. Diagnostic Configuration –*#9090#
14. USB Logging Control –*#872564#
15. System Dump Mode –*#9900#
16. HSDPA/HSUPA Control Menu –*#301279#
17. View Phone Lock Status –*#7465625#
18. Reset the Data Partition to Factory State – *#*#7780#*#*
बड़े काम की बातें और कोड है इसलिए शेयर करे और दुसरो को भी बताये !
लेकिन मुसीबत के वक्त यह मददगार साबित होती है ।
.
इमरजेंसी नंबर ---
दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर 112 है ।
अगर आप मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं तो 112 नंबर द्वारा
आप उस क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें। ख़ास बात यह है कि यह नंबर
तब भी काम करता है जब आपका की पैड लॉक हो।
दोस्तों अभी बहुत कुछ बाकी है---
मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस दौरान जरूरी कॉल करनी हो, ऐसे
में आप *3370# डायल करें । आपका मोबाइल फिर से चालू हो जायेगा
और आपका सेलफोन बैटरी में 50 प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा।
मोबाइल का यह रिजर्व दोबारा चार्ज हो जायेगा जब आप अगली बार
मोबाइल को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे।
.
मोबाइल चोरी होने पर---
मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले जरूरत होती है, फोन
को निष्क्रिय करने की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर सके । अपने
फोन के सीरियल नंबर (IMEI) को चेक करने के लिए *#06# दबाएँ ।
इसे दबाते ही आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट का कोड नंबर आयेगा। इसे
नोट कर लें और किसी सुरक्षित स्थान पर रखें। जब आपका फोन खो
जाए उस दौरान अपने सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे तो वह आपके
हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा।
#Mobile
कार की चाभी खोने पर ---
अगर आपकी कार की रिमोट की लेस इंट्री है। और गलती से आपकी
चाभी कार में बंद रह गयी है। और दूसरी चाभी घर पर है। तो आपका
मोबाइल काम आ सकता है। घर में किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन पर
कॉल करें। घर में बैठे व्यक्ति से कहें कि वह अपने मोबाइल को होल्ड
रखकर कार की चाभी के पास ले जाएँ और चाभी के अनलॉक बटन को
दबाये। साथ ही आप अपने मोबाइल फोन को कार के दरवाजे के पास
रखें....। दरवाजा खुल जायेगा।
है न विचित्र किन्तु सत्य......!!!
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एंड्राइड मोबाइल यूजर के काम के कोड
1. Phone Information, Usage and Battery – *#*#4636#*#*
2. IMEI Number – *#06#
3. Enter Service Menu On Newer Phones – *#0*#
4. Detailed Camera Information –*#*#34971539#*#*
5. Backup All Media Files –*#*#273282*255*663282*#*#*
6. Wireless LAN Test –*#*#232339#*#*
7. Enable Test Mode for Service –*#*#197328640#*#*
8. Back-light Test – *#*#0842#*#*
9. Test the Touchscreen –*#*#2664#*#*
10. Vibration Test –*#*#0842#*#*
11. FTA Software Version –*#*#1111#*#*
12. Complete Software and Hardware Info –*#12580*369#
13. Diagnostic Configuration –*#9090#
14. USB Logging Control –*#872564#
15. System Dump Mode –*#9900#
16. HSDPA/HSUPA Control Menu –*#301279#
17. View Phone Lock Status –*#7465625#
18. Reset the Data Partition to Factory State – *#*#7780#*#*
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मंगलवार, 20 जनवरी 2015
मसान दोष /सुखा रोग निवारण शाबर मंत्र
मसान दोष निवारण शाबर मंत्र
सपेदा मसान, गुरु गोरख की आन।
मयदण्ड मसान, काल भैरों की आन।
सुकिया मसान, लोना चमारी की आन।
फुलिया मसान, गौरे भैरों की आन।
हलदिया मसान, ककोड़ा भैरों की आन।
पीलिया मसान, दिल्ली की योगिनी की आन।
कमेदिया मसान, कालिका की आन।
कीकड़िया मसान, रामचन्द्र की आन।
सिलसिलिया मसान, वीर मोहम्मदा पीर की आन।
यह दोष बच्चों को अक्सर हो जाता है।छोटे छोटे बच्चो को मसान का रोग लग जाता है । इस रोग में बच्चा दिनों दिन सूखता चला जाता है दवाई नहीं लगती है इसे सुखा रोग भी कहते हैं । इस मंत्र का झारा लगवाने से इस रोग से छुटकारा मिल जाता है । इस मंत्र का उच्चारण करते हुए
झाड़ा करने से बालक का मसान दोष समाप्त हो जाता है।
शनिवार, 17 जनवरी 2015
इच्छित सौन्दर्य प्रदायिनी माता त्रिपुर सुन्दरी शाबर मन्त्र
ॐ निरन्जन निराकार अवधू मूल द्वार में बन्ध लगाई पवन पलटे गगन
समाई, ज्योति मध्ये ज्योत ले स्थिर हो भई ॐ मध्या: उत्पन्न भई उग्र
त्रिपुरा सुन्दरी शक्ति आवो शिवघर बैठो, मन उनमन, बुध सिद्ध चित्त में
भया नाद | तीनों एक त्रिपुर सुन्दरी भया प्रकाश | हाथ चाप शर धर एक
हाथ अंकुश | त्रिनेत्रा अभय मुद्रा योग भोग की मोक्षदायिनी | इडा पिंगला
सुषुम्ना देवी नागन जोगन त्रिपुर सुन्दरी | उग्र बाला, रुद्र बाला तीनों
ब्रह्मपुरी में भया उजियाला | योगी के घर जोगन बाला, ब्रह्मा विष्णु
शिव की माता |
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ह्रीं श्रीं कं एईल
ह्रीं हंस कहल ह्रीं सकल ह्रीं सो:
ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
ये माँ त्रिपुर सुन्दरी का शाबर मन्त्र है एक माला हकीक से सुबह शाम
करके इच्छित वस्तु समस्त गुणवत्ता के प्राप्त कर सकते है । सौन्दर्यता
प्रदायिनी देवी माता अपने साधक को रूप,जय,और समस्त बाधाओ से
मुक्त रखती है । इसे 108 दिन तक करे आपको इच्छित सौन्दर्य प्राप्त
होगी ।जै माँ विन्ध्यवासिनी
बुधवार, 14 जनवरी 2015
सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र
सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र-
ॐ गं गणपतये नमः। सर्व-विघ्न-विनाशनाय, सर्वारिष्ट निवारणाय, सर्व-सौख्य-प्रदाय, बालानां बुद्धि-प्रदाय, नाना-प्रकार-धन-वाहन-भूमि-प्रदाय, मनोवांछित-फल-प्रदाय रक्षां कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ गुरवे नमः, ॐ श्रीकृष्णाय नमः, ॐ बलभद्राय नमः, ॐ श्रीरामाय नमः, ॐ हनुमते नमः, ॐ शिवाय नमः, ॐ जगन्नाथाय नमः, ॐ बदरीनारायणाय नमः, ॐ श्री दुर्गा-देव्यै नमः।।
ॐ सूर्याय नमः, ॐ चन्द्राय नमः, ॐ भौमाय नमः, ॐ बुधाय नमः, ॐ गुरवे नमः, ॐ भृगवे नमः, ॐ शनिश्चराय नमः, ॐ राहवे नमः, ॐ पुच्छानयकाय नमः, ॐ नव-ग्रह रक्षा कुरू कुरू नमः।।
ॐ सूर्याय नमः, ॐ चन्द्राय नमः, ॐ भौमाय नमः, ॐ बुधाय नमः, ॐ गुरवे नमः, ॐ भृगवे नमः, ॐ शनिश्चराय नमः, ॐ राहवे नमः, ॐ पुच्छानयकाय नमः, ॐ नव-ग्रह रक्षा कुरू कुरू नमः।।
ॐ मन्येवरं हरिहरादय एव दृष्ट्वा द्रष्टेषु येषु हृदयस्थं त्वयं तोषमेति विविक्षते न भवता भुवि येन नान्य कश्विन्मनो हरति नाथ भवान्तरेऽपि। ॐ नमो मणिभद्रे। जय-विजय-पराजिते ! भद्रे ! लभ्यं कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्-सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।। सर्व विघ्नं शांन्तं कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीबटुक-भैरवाय आपदुद्धारणाय महान्-श्याम-स्वरूपाय दिर्घारिष्ट-विनाशाय नाना प्रकार भोग प्रदाय मम (यजमानस्य वा) सर्वरिष्टं हन हन, पच पच, हर हर, कच कच, राज-द्वारे जयं कुरू कुरू, व्यवहारे लाभं वृद्धिं वृद्धिं, रणे शत्रुन् विनाशय विनाशय, पूर्णा आयुः कुरू कुरू, स्त्री-प्राप्तिं कुरू कुरू, हुम् फट् स्वाहा।।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः। ॐ नमो भगवते, विश्व-मूर्तये, नारायणाय, श्रीपुरूषोत्तमाय। रक्ष रक्ष, युग्मदधिकं प्रत्यक्षं परोक्षं वा अजीर्णं पच पच, विश्व-मूर्तिकान् हन हन, ऐकाह्निकं द्वाह्निकं त्राह्निकं चतुरह्निकं ज्वरं नाशय नाशय, चतुरग्नि वातान् अष्टादष-क्षयान् रांगान्, अष्टादश-कुष्ठान् हन हन, सर्व दोषं भंजय-भंजय, तत्-सर्वं नाशय-नाशय, शोषय-शोषय, आकर्षय-आकर्षय, मम शत्रुं मारय-मारय, उच्चाटय-उच्चाटय, विद्वेषय-विद्वेषय, स्तम्भय-स्तम्भय, निवारय-निवारय, विघ्नं हन हन, दह दह, पच पच, मथ मथ, विध्वंसय-विध्वंसय, विद्रावय-विद्रावय, चक्रं गृहीत्वा शीघ्रमागच्छागच्छ, चक्रेण हन हन, पा-विद्यां छेदय-छेदय, चौरासी-चेटकान् विस्फोटान् नाशय-नाशय, वात-शुष्क-दृष्टि-सर्प-सिंह-व्याघ्र-द्विपद-चतुष्पद अपरे बाह्यं ताराभिः भव्यन्तरिक्षं अन्यान्य-व्यापि-केचिद् देश-काल-स्थान सर्वान् हन हन, विद्युन्मेघ-नदी-पर्वत, अष्ट-व्याधि, सर्व-स्थानानि, रात्रि-दिनं, चौरान् वशय-वशय, सर्वोपद्रव-नाशनाय, पर-सैन्यं विदारय-विदारय, पर-चक्रं निवारय-निवारय, दह दह, रक्षां कुरू कुरू, ॐ नमो भगवते, ॐ नमो नारायणाय, हुं फट् स्वाहा।।
ठः ठः ॐ ह्रीं ह्रीं। ॐ ह्रीं क्लीं भुवनेश्वर्याः श्रीं ॐ भैरवाय नमः। हरि ॐ उच्छिष्ट-देव्यै नमः। डाकिनी-सुमुखी-देव्यै, महा-पिशाचिनी ॐ ऐं ठः ठः। ॐ चक्रिण्या अहं रक्षां कुरू कुरू, सर्व-व्याधि-हरणी-देव्यै नमो नमः। सर्व प्रकार बाधा शमनमरिष्ट निवारणं कुरू कुरू फट्। श्रीं ॐ कुब्जिका देव्यै ह्रीं ठः स्वाहा।।
शीघ्रमरिष्ट निवारणं कुरू कुरू शाम्बरी क्रीं ठः स्वाहा।।
शीघ्रमरिष्ट निवारणं कुरू कुरू शाम्बरी क्रीं ठः स्वाहा।।
शारिका भेदा महामाया पूर्णं आयुः कुरू। हेमवती मूलं रक्षा कुरू। चामुण्डायै देव्यै शीघ्रं विध्नं सर्वं वायु कफ पित्त रक्षां कुरू। मन्त्र तन्त्र यन्त्र कवच ग्रह पीडा नडतर, पूर्व जन्म दोष नडतर, यस्य जन्म दोष नडतर, मातृदोष नडतर, पितृ दोष नडतर, मारण मोहन उच्चाटन वशीकरण स्तम्भन उन्मूलनं भूत प्रेत पिशाच जात जादू टोना शमनं कुरू। सन्ति सरस्वत्यै कण्ठिका देव्यै गल विस्फोटकायै विक्षिप्त शमनं महान् ज्वर क्षयं कुरू स्वाहा।।
सर्व सामग्री भोगं सप्त दिवसं देहि देहि, रक्षां कुरू क्षण क्षण अरिष्ट निवारणं, दिवस प्रति दिवस दुःख हरणं मंगल करणं कार्य सिद्धिं कुरू कुरू। हरि ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। हरि ॐ भूर्भुवः स्वः चन्द्र तारा नव ग्रह शेषनाग पृथ्वी देव्यै आकाशस्य सर्वारिष्ट निवारणं कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बटुक भैरवाय आपदुद्धारणाय सर्व विघ्न निवारणाय मम रक्षां कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीवासुदेवाय नमः, बटुक भैरवाय आपदुद्धारणाय मम रक्षां कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीविष्णु भगवान् मम अपराध क्षमा कुरू कुरू, सर्व विघ्नं विनाशय, मम कामना पूर्णं कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीवासुदेवाय नमः, बटुक भैरवाय आपदुद्धारणाय मम रक्षां कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीविष्णु भगवान् मम अपराध क्षमा कुरू कुरू, सर्व विघ्नं विनाशय, मम कामना पूर्णं कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीबटुक भैरवाय आपदुद्धारणाय सर्व विघ्न निवारणाय मम रक्षां कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं ॐ श्रीदुर्गा देवी रूद्राणी सहिता, रूद्र देवता काल भैरव सह, बटुक भैरवाय, हनुमान सह मकर ध्वजाय, आपदुद्धारणाय मम सर्व दोषक्षमाय कुरू कुरू सकल विघ्न विनाशाय मम शुभ मांगलिक कार्य सिद्धिं कुरू कुरू स्वाहा।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं ॐ श्रीदुर्गा देवी रूद्राणी सहिता, रूद्र देवता काल भैरव सह, बटुक भैरवाय, हनुमान सह मकर ध्वजाय, आपदुद्धारणाय मम सर्व दोषक्षमाय कुरू कुरू सकल विघ्न विनाशाय मम शुभ मांगलिक कार्य सिद्धिं कुरू कुरू स्वाहा।।
एष विद्या माहात्म्यं च, पुरा मया प्रोक्तं ध्रुवं। शम क्रतो तु हन्त्येतान्, सर्वाश्च बलि दानवाः।। य पुमान् पठते नित्यं, एतत् स्तोत्रं नित्यात्मना। तस्य सर्वान् हि सन्ति, यत्र दृष्टि गतं विषं।। अन्य दृष्टि विषं चैव, न देयं संक्रमे ध्रुवम्। संग्रामे धारयेत्यम्बे, उत्पाता च विसंशयः।। सौभाग्यं जायते तस्य, परमं नात्र संशयः। द्रुतं सद्यं जयस्तस्य, विघ्नस्तस्य न जायते।। किमत्र बहुनोक्तेन, सर्व सौभाग्य सम्पदा। लभते नात्र सन्देहो, नान्यथा वचनं भवेत्।। ग्रहीतो यदि वा यत्नं, बालानां विविधैरपि। शीतं समुष्णतां याति, उष्णः शीत मयो भवेत्।। नान्यथा श्रुतये विद्या, पठति कथितं मया। भोज पत्रे लिखेद् यन्त्रं, गोरोचन मयेन च।। इमां विद्यां शिरो बध्वा, सर्व रक्षा करोतु मे। पुरूषस्याथवा नारी, हस्ते बध्वा विचक्षणः।। विद्रवन्ति प्रणश्यन्ति, धर्मस्तिष्ठति नित्यशः। सर्वशत्रुरधो यान्ति, शीघ्रं ते च पलायनम्।।
‘श्रीभृगु संहिता’ के सर्वारिष्ट निवारण खण्ड में इस अनुभूत स्तोत्र के 40 पाठ करने की विधि बताई गई है। इस पाठ से सभी बाधाओं का निवारण होता है।
किसी भी देवता या देवी की प्रतिमा या यन्त्र के सामने बैठकर धूप दीपादि से पूजन कर इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिये। विशेष लाभ के लिये ‘स्वाहा’ और ‘नमः’ का उच्चारण करते हुए ‘घृत मिश्रित गुग्गुल’ से आहुतियाँ दे सकते हैं
किसी भी देवता या देवी की प्रतिमा या यन्त्र के सामने बैठकर धूप दीपादि से पूजन कर इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिये। विशेष लाभ के लिये ‘स्वाहा’ और ‘नमः’ का उच्चारण करते हुए ‘घृत मिश्रित गुग्गुल’ से आहुतियाँ दे सकते हैं
सोमवार, 12 जनवरी 2015
लक्ष्मी प्राप्ति एवं दुर्भाग्य दूर करने के कुछ चमत्तकारिक एवं दुर्लभ उपाय
लक्ष्मी प्राप्ति एवं दुर्भाग्य दूर करने के कुछ चमत्तकारिक एवं दुर्लभ उपाय .............,
धन-समृद्धि प्राप्त करने के कुछ सरल और
चमत्कारिक उपाय दिये जा रहे हैं, जिसे अपनाकर
व्यक्ति दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकता है। ये प्रयोग आप दीपावली पूर्णिमा किसीअश्टमी किसी अमावश्या या किसी शुभ पुजन मुहूर्त या सर्वाथ सिद्ध योग किसी अमृत सिद्ध योग या गुरू पुष्य योग या किसी चोघडिया मुहूर्त मे ये प्रयोग कर सकते हैl
चमत्कारिक उपाय दिये जा रहे हैं, जिसे अपनाकर
व्यक्ति दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकता है। ये प्रयोग आप दीपावली पूर्णिमा किसीअश्टमी किसी अमावश्या या किसी शुभ पुजन मुहूर्त या सर्वाथ सिद्ध योग किसी अमृत सिद्ध योग या गुरू पुष्य योग या किसी चोघडिया मुहूर्त मे ये प्रयोग कर सकते हैl
अपने घर के ईशान कोण में श्री यंत्र ताम्रपत्र, रजत
यंत्र या भोजपत्र पर बनायें। प्राण प्रतिष्ठा करके
नित्य पूजा करने से विविध ऐश्वर्य के साथ
लक्ष्मी प्राप्त होती है। -
अर्क (अकोड़ा), छाक
(छिला), खैर, अपामार्ग, पीपल की जड़, गूलर
की जड़ खेजड़े की जड़, दुर्वा एवं कुशा की जड़
को एक चांदी की डिब्बी में रखकर नित्य
पूजा करें। जीवन में कभी असफलता नहीं आयेगी,
नवग्रह शांत रहेंगे सुख सम्प ति की बढ़ोरी होगी। -
सम्पूर्ण दीपावली की रात्रि ‘‘हत्था जोड़ी’’
को सामने रखकर
‘‘धनम् देहि’’
मंत्र का जाप करें
निश्चित रूप से धन की प्राप्ति होगी। -
यदि दीपावली रविवार को हो तो हत्तहा जोडि को लाल
रंग से रंग दें। यदि सोमवार को हो तो उसपर सफेद
अबीर लगा दें। मंगल को हो तो लाल, बुधवार
को हो तो हरा, बृहस्पतिवार
को हो तो पीला रंग, शुक्रवार को हो तो सफेद
अबीर, शनिवार को हो तो में काला अबीर
लगायें। धन की वृद्धि होगी। - लक्ष्मी आकर्षण
यंत्र या छत्तीसा यंत्र दीवाली या किसी पूर्णिमा की रात्रि को सफेद
कोरे कागज पर लाल स्याही से या अष्टगंध से
लिखकर 100 छोटी-छोटी गोलियां बना लें। उन
गोलियों को सवा किलो आटे में घी, शक्कर
(चीनी) का बूरा दूध मिला दें। गीले आटे में
गोली डालकर छोटी-छोटी आटे
की गोलियां बना लें। विभिन्न मंत्र बोलते हुए
मछलियों को खिलाएं। धन सम्प की वर्ष भर
कमी नहीं रहेगी।
‘‘ऊँ महाशक्ति वेगेन, आकर्षय
आकर्षय मणिभद्र स्वाहा।’
’ - दीवालीया लक्ष्मी पूजन के
समय कौड़ियों को केसर या हल्दी से रंगकर पीले
कपड़े में बांध लें और फिर इन कौड़ियों को धन रखने
के स्थान पर रखें, धन की कमी नहीं रहेगी। - पांच
गोमती चक्र दीपावली के दिन या किसी सुभ दिन मे पूजा के समय
थाली में रखें और निम्न मंत्र का उच्चारण 108
बार (एक माला) करें।
‘‘ऊँ वे आरोग्यानिकरी रोग
नशेषा नमः’’
इसको धन के स्थान पर रखने से धन
की कमी नहीं रहेगी। सब रोगों का नाश होगा।
शरीर स्वस्थ रहेगा। - गोमती चक्र उपरोक्त मंत्र से
या
ऊँ लक्ष्मी नमः’’
से अभिमंत्रित करके लाल
पोटली में बांध लें और दुकान में किसी स्थान पर
रख दें। जब तक पोटली दुकान में रहेगी तो निश्चय
ही व्यापार में उन्नति होगी या व्यापार रुक
गया तो फिर तेजी से शुरु हो जायेगा। -
दीपावली के दिन या किसी भी दिन प्रातःकाल उठकर तुलसी के
की माला बनाकर श्री महालक्ष्मी के चरणों में
अर्पित करें। धन लाभ होगा। -
दीपावली की या किसी सुभ दिन के प्रातःकाल सबसे पहले साबुत काले
उड़द और चमकीला काला वस्त्र किसी को दान
करें या शनि मंदिर में चुप-चाप रख दें, ग्रह दोष
समाप्त हो जायेगा। - दीपावली के दिन
काली मिर्च के दाने
‘ऊँ क्लीं’
बीज मंत्र का जप
करते हुए परिवार के सदस्यों के सिर पर घुमाकर
दक्षिण दिशा में घर से बाहर फेंक दें, शत्रु शांत
हो जायेंगे। - दीपावली की रात को या किसी भी सुभ रत्री मे 11
हल्दी की गांठ लें, इनको पीले कपड़े में बांध लें
फिर लक्ष्मी-गणेश की संयुक्त फोटो के सामने
घी का दीपक जलायें और 11 माला निम्न मंत्र
का उच्चारण करें।
‘‘ऊँ वक्र- तुण्डाय हं।’’ फिर
हल्दी की गांठों वाली पोटली अपने हाथ में लेकर
‘श्रीं श्रीं’ का जाप करते हुए कैश बाक्स में रखें और
प्रतिदिन धूप दें। लक्ष्मी स्थिर रहेगी। -
दीपावली के दिन या किसी सुभ दिन मे 11 ‘‘कौड़ियां,’’11
गोमती चक्र, 5 सुपारी एवं 5
काली हल्दी की गांठें लें। अब
काली हल्दी की गांठ पर पीली पिसी हुई
हल्दी की छींटे लगाते समय
श्रीं श्रीं का उच्चारण करते रहें।
दीपावली या किसी रत्री की सारी रात उस सामग्री को पड़े
रहने दें, अगले दिन इन सारी वस्तुओं को पीले कपड़े
मं बांधकर तिजोरी में रख दें, लक्ष्मी वर्ष भर
प्रसन्न रहेंगी। - घर में कमलगट्टे की माला, लघु
नारियल, दक्षिणावर्ती शंख, श्वेतार्क गणपति,
श्री यंत्र, कुबेर यंत्र आदि स्थापित कर
जो भी दीपावली की रात को नित्य
इनकी पूजा करता है ‘उनके घर में
लक्ष्मी पीढ़ियों तक वास करती हैं।’ -
दीपावली की रात्रि को लक्ष्मी जी की फोट
सामने शुद्ध देशी घी के दीपक जलाकर कमलगट्टे
की माला से इस मंत्र का उच्चारण करेl
ेऊं ऐं
ह्रीं श्रीं क्लीं दारिरय विनाशके जगत्मासूत्यै
नमः’।
इस मंत्र से लक्ष्मी देवी प्रसन्न होती हैं।
यही क्रिया यदि रोज करें तो लक्ष्मी का वास
स्थिर हो जायेगा। - दीपावली के दिन
शनि की साढ़ेसाती, ढैया या अशुभ प्रभाव
को दूर करने के लिए काले तिल और कपास की ब
से सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शमी के पौधे
के सामने शनि मंत्र का उच्चारण करें।
शनि का बुरा प्रभाव कम हो जायेगा, शुभ फल
देगा। - शंख में, गोबर में, आंवले में और सफेद वस्तुओं में
लक्ष्मी का वास होता है। इनका प्रयोग
सदा करें। सदा आंवला घर में रखें। लक्ष्मी का वास
सदा रहेगा। - दीपावली पूजन के बाद पूरे घर में
गुग्गुल का धुआं दें। बुरी आत्माओं और
आसुरी शक्तियों से रक्षा रहेगी। -
यदि बिल्ली के जेर मिल जायें
तो दीपावली की रात्रि को या किसी शुभ
मुहूर्त में उस पर हल्दी लगाएं और बायें हाथ
की मुठ्ठी में रखकर आखें बंद करके
‘‘मर्जबान उल
किस्ता’’
यह मंत्र 54 बार पढ़ें और दूसरे दिन उसे धन
रखने के स्थान पर रखें। - दीपावली की शाम
को अशोक वृक्ष की जड़ अशोक वृक्ष से टोडकर
लायें तथा अपने पास रखें, धन स्थिर रहेगा। -
दीपावली को प्रातः काल महालक्ष्मी के चित्र
के समक्ष घी का दीपक, 2 लौंग डालकर जलाएं।
नैवेद्य में खीर या हलवा रखें। तुलसी के पौधे में जल
अर्पित करें और ‘‘ऊँ नमो महालक्ष्म्यै नमः’’ मंत्र
का जाप करें। लक्ष्मी प्रसन्न रहेगी और घर में वास
रहेगा।
यंत्र या भोजपत्र पर बनायें। प्राण प्रतिष्ठा करके
नित्य पूजा करने से विविध ऐश्वर्य के साथ
लक्ष्मी प्राप्त होती है। -
अर्क (अकोड़ा), छाक
(छिला), खैर, अपामार्ग, पीपल की जड़, गूलर
की जड़ खेजड़े की जड़, दुर्वा एवं कुशा की जड़
को एक चांदी की डिब्बी में रखकर नित्य
पूजा करें। जीवन में कभी असफलता नहीं आयेगी,
नवग्रह शांत रहेंगे सुख सम्प ति की बढ़ोरी होगी। -
सम्पूर्ण दीपावली की रात्रि ‘‘हत्था जोड़ी’’
को सामने रखकर
‘‘धनम् देहि’’
मंत्र का जाप करें
निश्चित रूप से धन की प्राप्ति होगी। -
यदि दीपावली रविवार को हो तो हत्तहा जोडि को लाल
रंग से रंग दें। यदि सोमवार को हो तो उसपर सफेद
अबीर लगा दें। मंगल को हो तो लाल, बुधवार
को हो तो हरा, बृहस्पतिवार
को हो तो पीला रंग, शुक्रवार को हो तो सफेद
अबीर, शनिवार को हो तो में काला अबीर
लगायें। धन की वृद्धि होगी। - लक्ष्मी आकर्षण
यंत्र या छत्तीसा यंत्र दीवाली या किसी पूर्णिमा की रात्रि को सफेद
कोरे कागज पर लाल स्याही से या अष्टगंध से
लिखकर 100 छोटी-छोटी गोलियां बना लें। उन
गोलियों को सवा किलो आटे में घी, शक्कर
(चीनी) का बूरा दूध मिला दें। गीले आटे में
गोली डालकर छोटी-छोटी आटे
की गोलियां बना लें। विभिन्न मंत्र बोलते हुए
मछलियों को खिलाएं। धन सम्प की वर्ष भर
कमी नहीं रहेगी।
‘‘ऊँ महाशक्ति वेगेन, आकर्षय
आकर्षय मणिभद्र स्वाहा।’
’ - दीवालीया लक्ष्मी पूजन के
समय कौड़ियों को केसर या हल्दी से रंगकर पीले
कपड़े में बांध लें और फिर इन कौड़ियों को धन रखने
के स्थान पर रखें, धन की कमी नहीं रहेगी। - पांच
गोमती चक्र दीपावली के दिन या किसी सुभ दिन मे पूजा के समय
थाली में रखें और निम्न मंत्र का उच्चारण 108
बार (एक माला) करें।
‘‘ऊँ वे आरोग्यानिकरी रोग
नशेषा नमः’’
इसको धन के स्थान पर रखने से धन
की कमी नहीं रहेगी। सब रोगों का नाश होगा।
शरीर स्वस्थ रहेगा। - गोमती चक्र उपरोक्त मंत्र से
या
ऊँ लक्ष्मी नमः’’
से अभिमंत्रित करके लाल
पोटली में बांध लें और दुकान में किसी स्थान पर
रख दें। जब तक पोटली दुकान में रहेगी तो निश्चय
ही व्यापार में उन्नति होगी या व्यापार रुक
गया तो फिर तेजी से शुरु हो जायेगा। -
दीपावली के दिन या किसी भी दिन प्रातःकाल उठकर तुलसी के
की माला बनाकर श्री महालक्ष्मी के चरणों में
अर्पित करें। धन लाभ होगा। -
दीपावली की या किसी सुभ दिन के प्रातःकाल सबसे पहले साबुत काले
उड़द और चमकीला काला वस्त्र किसी को दान
करें या शनि मंदिर में चुप-चाप रख दें, ग्रह दोष
समाप्त हो जायेगा। - दीपावली के दिन
काली मिर्च के दाने
‘ऊँ क्लीं’
बीज मंत्र का जप
करते हुए परिवार के सदस्यों के सिर पर घुमाकर
दक्षिण दिशा में घर से बाहर फेंक दें, शत्रु शांत
हो जायेंगे। - दीपावली की रात को या किसी भी सुभ रत्री मे 11
हल्दी की गांठ लें, इनको पीले कपड़े में बांध लें
फिर लक्ष्मी-गणेश की संयुक्त फोटो के सामने
घी का दीपक जलायें और 11 माला निम्न मंत्र
का उच्चारण करें।
‘‘ऊँ वक्र- तुण्डाय हं।’’ फिर
हल्दी की गांठों वाली पोटली अपने हाथ में लेकर
‘श्रीं श्रीं’ का जाप करते हुए कैश बाक्स में रखें और
प्रतिदिन धूप दें। लक्ष्मी स्थिर रहेगी। -
दीपावली के दिन या किसी सुभ दिन मे 11 ‘‘कौड़ियां,’’11
गोमती चक्र, 5 सुपारी एवं 5
काली हल्दी की गांठें लें। अब
काली हल्दी की गांठ पर पीली पिसी हुई
हल्दी की छींटे लगाते समय
श्रीं श्रीं का उच्चारण करते रहें।
दीपावली या किसी रत्री की सारी रात उस सामग्री को पड़े
रहने दें, अगले दिन इन सारी वस्तुओं को पीले कपड़े
मं बांधकर तिजोरी में रख दें, लक्ष्मी वर्ष भर
प्रसन्न रहेंगी। - घर में कमलगट्टे की माला, लघु
नारियल, दक्षिणावर्ती शंख, श्वेतार्क गणपति,
श्री यंत्र, कुबेर यंत्र आदि स्थापित कर
जो भी दीपावली की रात को नित्य
इनकी पूजा करता है ‘उनके घर में
लक्ष्मी पीढ़ियों तक वास करती हैं।’ -
दीपावली की रात्रि को लक्ष्मी जी की फोट
सामने शुद्ध देशी घी के दीपक जलाकर कमलगट्टे
की माला से इस मंत्र का उच्चारण करेl
ेऊं ऐं
ह्रीं श्रीं क्लीं दारिरय विनाशके जगत्मासूत्यै
नमः’।
इस मंत्र से लक्ष्मी देवी प्रसन्न होती हैं।
यही क्रिया यदि रोज करें तो लक्ष्मी का वास
स्थिर हो जायेगा। - दीपावली के दिन
शनि की साढ़ेसाती, ढैया या अशुभ प्रभाव
को दूर करने के लिए काले तिल और कपास की ब
से सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शमी के पौधे
के सामने शनि मंत्र का उच्चारण करें।
शनि का बुरा प्रभाव कम हो जायेगा, शुभ फल
देगा। - शंख में, गोबर में, आंवले में और सफेद वस्तुओं में
लक्ष्मी का वास होता है। इनका प्रयोग
सदा करें। सदा आंवला घर में रखें। लक्ष्मी का वास
सदा रहेगा। - दीपावली पूजन के बाद पूरे घर में
गुग्गुल का धुआं दें। बुरी आत्माओं और
आसुरी शक्तियों से रक्षा रहेगी। -
यदि बिल्ली के जेर मिल जायें
तो दीपावली की रात्रि को या किसी शुभ
मुहूर्त में उस पर हल्दी लगाएं और बायें हाथ
की मुठ्ठी में रखकर आखें बंद करके
‘‘मर्जबान उल
किस्ता’’
यह मंत्र 54 बार पढ़ें और दूसरे दिन उसे धन
रखने के स्थान पर रखें। - दीपावली की शाम
को अशोक वृक्ष की जड़ अशोक वृक्ष से टोडकर
लायें तथा अपने पास रखें, धन स्थिर रहेगा। -
दीपावली को प्रातः काल महालक्ष्मी के चित्र
के समक्ष घी का दीपक, 2 लौंग डालकर जलाएं।
नैवेद्य में खीर या हलवा रखें। तुलसी के पौधे में जल
अर्पित करें और ‘‘ऊँ नमो महालक्ष्म्यै नमः’’ मंत्र
का जाप करें। लक्ष्मी प्रसन्न रहेगी और घर में वास
रहेगा।
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